Food Allergy:- एक नई स्टडी में यह पता चला है कि बचपन में होने वाली फूड एलर्जी से अस्थमा और फेफड़ों के काम करने की क्षमता कम हो सकती है। मर्डोक चिल्ड्रेन्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस स्टडी में पाया गया कि कम उम्र में फूड एलर्जी होने से अस्थमा का रिस्क बढ़ सकता है और इससे 6 साल की उम्र के आसपास फेफड़ों के विकास में रूकावट आ सकती है।
स्टडी में 5,276 शिशुओं को शामिल किया गया। इन सभी में मूंगफली और अंडों से होने वाली एलर्जी की जांच की गई। इसके लिए उन्हें मूंगफली और अंडे खाने के लिए दिए गए और फूड एलर्जी टेस्ट किए गए। 6 साल की उम्र में इन सभी के लंग्स की कार्यक्षमता की भी जांच की गई। इस स्टडी के परिणाम लांसेट चाइल्ड एंड एडोलेसेंट हेल्थ में प्रकाशित किए गए जिसमें बतया गया है कि
6 साल की उम्र तक के 13.7 प्रतिशत बच्चों में अस्थमा का डायग्नोसिस किया गया। वहीं ऐसे बच्चे जिन्हें फूड एलर्जी नहीं है उनकी तुलना में 6 साल की उम्र में फूड एलर्जी वाले बच्चों में अस्थमा विकसित होने का रिस्क लगभग 4 गुना ज्यादा था। वहीं, फूड एलर्जी से परेशान बच्चों में फेफड़ों के कार्य करने क्षमता कम होने का रिस्क भी अधिक था।
Food Allergy (फूड एलर्जी) क्या है?
Food Allergy (फूड एलर्जी) तब होती है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली विशिष्ट खाद्य पदार्थों में हानिरहित प्रोटीन के प्रति अत्यधिक प्रतिक्रिया करती है, जिससे एनाफिलेक्सिस, गले में सूजन, पित्ती (त्वचा पर दाने) या खुजली, उल्टी, दस्त, पेट में दर्द आदि जैसे गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया लक्षण होते हैं।
दूध, अंडे, मछली, सोया और मूंगफली कुछ सामान्य एलर्जी पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ हैं। एलर्जी की प्रतिक्रिया से बचने का सबसे आसान तरीका अतिसंवेदनशीलता प्रतिक्रियाओं के लिए अग्रणी खाद्य पदार्थों से बचना है। एलर्जी के लक्षणों का अनुभव होने पर नजदीकी अस्पताल में जाएं।
Food Allergy (फूड एलर्जी) के लक्षण आमतौर पर खाने के दो घंटे के भीतर दिखाई देते हैं। किसी विशेष भोजन के लिए एलर्जी की प्रतिक्रिया से हल्के से गंभीर लक्षण हो सकते हैं। Food Allergy (फूड एलर्जी) के लक्षणों में शामिल हैं
- मुंह में खुजली और गले में खुजली,
2. त्वचा पर चकत्ते होना,
3. चक्कर आना या बेहोश होना,
4. पलकों और जीभ पर सूजन या आवाजबदलना,
Food Allergy (फूड एलर्जी) से सांस लेने में समस्याएं हो सकती हैं।
मर्डोक चिल्ड्रेन्स रिसर्च इंस्टीट्यूट की एसोसिएट प्रोफेसर रेचेल पीटर्स ने कहा, ‘बचपन में होनेवाली फूड एलर्जी (जिसका इलाज हो चुका हो या नहीं) के कारण बच्चों में सांस लेने से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। ऐसा बचपन में फेफड़ों के विकास में रूकावट आने से हार्ट, श्वसन नाली, और शरीर के अन्य अंगों से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।
Food Allergy (फूड एलर्जी) से फेफड़ों का विकास रुक सकता है।
लंग्स का विकास बच्चे की ऊंचाई और वजन से सीधा जुड़ा हुआ होता है और Food Allergy (फूड एलर्जी) वाले बच्चे बिना एलर्जी वाले बच्चों की तुलना में कमजोर, कम ऊंचे और कम वजन वाले हो सकते हैं। इससे Food Allergy (फूड एलर्जी) और फेफड़ों के कार्य के बीच संबंध को समझा जा सकता है। फूड एलर्जी और अस्थमा दोनों के विकास में एक जैसी प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं देखी जाती हैं।
Food Allergy (फूड एलर्जी) से बचने के लिए क्या करना चाहिए
- एक्सपर्ट्स के अनुसार फूड एलर्जी वाले छोटे बच्चों का खास ध्यान रखना चाहिए। ऐसे बच्चों की डाइट पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें एलर्जी बढ़ाने वाले फूड्स के सेवन से रोकना चाहिए।
2. बच्चे के पोषण के लिए उन्हें एलर्जी बढ़ाने वाले फूड्स के बजाय अन्य हेल्दी फूड्स देना चाहिए।
3. फूड एलर्जी वाले बच्चों को उनकी समस्या के मैनेजमेंट में मदद करें।
4. बेहतर बचाव के लिए माता-पिता को एलर्जी से जुड़ी सभी जानकारीयाँ इकट्ठा करनी चाहिए और डॉक्टर की मदद से बच्चे की देखभाल करनी चाहिए।
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